____________________________________________________मुजफ्फरनगर जनपद(उ.प्र.भारत)के १०० कि.मी.के दायरे में गंगा-यमुना की धरती पर स्थित पौराणिक महाभारत क्षेत्र
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मुजफ्फरनगर जनपद में सनातन हिंदू धर्म का प्रमुख एवं पौराणिक धार्मिक स्थल शुकतीर्थ(शुकताल) स्थित है।
शुकतीर्थ के पश्चिम में लगभग दो कि.मी. दूर गंगा के किनारे फिरोजपुर गांव बसा हुआ है। इस गांव के जंगल में टीले पर स्थापित प्राचीन सिद्धपीठ महाभारत कालीन नीलकंठ महादेव मंदिर श्रद्धालु भक्तों की प्रगाढ़ आस्था का प्रतीक है।
प्राचीन काल में गंगा के किनारे का यह स्थान ऋषि-मुनियों की तपोभूमि होता था। प्रतिवर्ष फागुन एवं सावन माह की महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कांवडिए पैदल जल लाकर यहां जलाभिषेक करते हैं तथा हजारों की संख्या में दूर-दूर के स्थानों से श्रद्धालु भी यहां आकर मंदिर में स्थापित शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। पौराणिक महत्ता के प्रतीक मंदिर में मनोकामना प्राप्ति के लिए इन अवसरों पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां मेला भी लगता है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार ‘प्राचीन शुकदेव वंदना ग्रंथ’में उल्लेख है कि पतित पावनी गंगा के किनारे के जंगल महर्षि वशिष्ठ व विश्वामित्र जैसे ऋषियों ने यहां तप किया था। गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या ने चार नीलकंठ महादेव की स्थापना एक ही समय में की थी। जिसमें फिरोजपुर के गांव में स्थित इस नीलकंठ महादेव मंदिर के शिवलिंग के अलावा अन्य शिवलिंग ऋषिकेश, काशी तथा नेपाल में स्थापित हैं।
निर्जन स्थान में होने के कारण कालांतर में यह मंदिर मिट्टी के अंदर छिप गया था इस कारण यह मंदिर लंबे समय से लोगों की दृष्टि से ओझल रहा।
एक बार फिर से इस मंदिर को लोगों की नजरों के सामने मां गंगा लाई। बताया जाता है कि एक बार वर्षा काल में मां भागीरथी के पानी में इतना उफान आया कि गंगा का पानी मंदिर तक पहुंच गया। गंगा के पानी के तेज बहाव ने मंदिर के ऊपर जमीं मिट्टी को हटा दिया। इसके बाद यह मंदिर फिर से लोगों की नजरों में आ गया। बाद में ग्रामीणों के सहयोग से इसका जीर्णोद्धार शुरू हो सका।
मंदिर में 22 पैडियां चढ़कर जाना पड़ता है। लखौरी ईंटों व चूने से बने गुंबद एवं दीवारों को देखकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है की यह बहुत प्राचीन मंदिर है।
मंदिर क्षेत्र में समय-समय पर पुरातन अवशेष भी मिलते रहते हैं जो इस स्थान की प्राचीनता को पुष्ट करते हैं।