________________________________________मुजफ्फरनगर जनपद(उ.प्र.भारत)के १०० किमी के दायरे में गंगा-यमुना की धरती पर स्थित पौराणिक महाभारत क्षेत्र
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कुटेसरा गांव-
यह गांव कृषियंत्र कल्टीवेटर बनाने के लिए मशहूर है।
मुजफ्फरनगर जनपद में चरथावल कस्बे से 6 किलोमीटर दूर स्थित कूटेसरा गांव की कल्टीवेटर बनाने में दूर-दूर तक पहचान है।
शताब्दी पूर्व राजा-महाराजाओं के समय कुटेसरा गांव में बने रथ पूरे देश में मशहूर हुआ करते थे। कई रियासतों के राजा महाराजा इस गांव में बने रथों को पसंद करते थे। बाद के समय में जब राज्यों-रियासतों को समाप्त कर दिया गया तो यहां का प्रसिद्ध रथ निर्माण करने का कार्य भी धीरे-धीरे समाप्त होता गया। यंत्रचालित वाहनों के आने पर यह कार्य पूरी तरह समाप्त हो गया।
रथ बनाने की कला जानने वाले वाले कुशल कारीगर और दस्तकारों ने अपनी कला को अब कृषि यंत्रों के निर्माण से जोड़ लिया।
रथ बनाने वाले कारीगर अब कृषि के कार्य में काम आने वाला यन्त्र कल्टीवेटर बनाने लगे थे। कल्टीवेटर बनाने का काम इस गांव के हिंदू धीमान एंव लुहार समाज के लोगों के द्वारा पिछली शताब्दी के पचास के दशक में शुरू किया गया था।
जो परिवार पहले रथ बनाने का कार्य करते थे वे अब कल्टीवेटर बनाने लगे थे। कुटेसरा गांव में बने यह कृषियंत्र पश्चिमी यूपी सहित पास के राज्यों में भी किसानों के बीच लोकप्रिय हो गए।
कुटेसरा गांव में कृषि के कार्य में काम आने वाले कई प्रकार के यंत्र बनाए जाते हैं, लेकिन सबसे अधिक मांग यहां बनने वाले कल्टीवेटरों की होती है। अधिक मांग के कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोग कल्टीवेटर तैयार कर सरकार कर लेते हैं।