_______________________________________________________________मुजफ्फरनगर जनपद (उ.प्र.- भारत) के १०० कि.मी. के दायरे में गंगा-यमुना की धरती पर स्थित पौराणिक महाभारत क्षेत्र
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हरिद्वार के मुख्य आकर्षण केंद्रों में आध्यात्मिक महत्व के साथ साथ सुंदर वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध मंदिर बर्फानी बाबा आश्रम श्रद्धालु तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों में बहुत प्रसिद्ध है।
यह मंदिर हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम भूपतवाला क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना श्री ब्रह्मर्षि बर्फानी जी दूधाधारी महाराज ने करवाई थी।
श्री दूधाधारी आश्रम एक अति विशाल आश्रम है। आश्रम में प्रमुख मंदिर श्री राम दरबार का है। दूर से ही दृष्टिगोचर हो जाने वाला यह मंदिर सफेद दूधिया संगमरमर पत्थरों से बना है। संपूर्णरुप से दूधिया संगमरमर पत्थर से सज्जित भव्य मंदिर में भगवान श्री राम एवं माता जानकी तथा लक्ष्मण जी की दक्षिणाभिमुख खड़े स्वरूप में प्रतिमाएं विराजित हैं। इस मंदिर के ठीक सामने ही उत्तराभिमुख श्री हनुमान जी महाराज का मंदिर बना है।
श्री बाबा दूधाधारी जी महाराज केवल टाट ही उड़ते थे और केवल गाय के दूध का सेवन करते थे। बाबा दूधाधारी जी महाराज बड़े गो भक्त थे। उनके द्वारा स्थापित इस आश्रम की गौशाला में आज भी बड़ी संख्या में गऊएं हैं। आश्रम की गौशाला में इन गऊओं को बड़े ही आरामदायक ढंग से रखा जाता है। आश्रम की गौशाला में दूध देने वाली गायों का दूध बिल्कुल भी बेचा नहीं जाता। आश्रम के मुख्य द्वार पर प्रतिदिन निशुल्क दूध का वितरण किया जाता है। आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को भी प्रसाद के रूप में गाय का दूध पीने के लिए दिया जाता है।