किवदंती है कि सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र का जन्म हापुड़ क्षेत्र में हुआ था। उन्हीं के नाम पर पहले इसका नाम हरिपुर था। जो बाद में हापुड़ के नाम से जाना जाने लगा। राजा हरिश्चंद्र ने यहां के घने वन में चंडी देवी की आराधना की थी। उसी समय इस नगर के बाहर मढ़ी के रूप में चंडी देवी की स्थापना की थी I बाद में इस नगर का विस्तार होने के साथ मढी का स्थान इस नगर के बीचों-बीच आ गया और मढ़ी ने मंदिर का रूप ले लिया।