____________________________________________________ मुजफ्फरनगर जनपद के१०० किमी के दायरे में गंगा – यमुना की धरती पर स्थित पौराणिक महाभारत क्षेत्र
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सहारनपुर जनपद में महाभारतकालीन मंदिर और मठों की भरमार है तो मुगल काल की और ब्रिटिश शासनकाल की ऐतिहासिक इमारतें भी इस जनपद में है।
सहारनपुर नगर में भी प्राचीन ऐतिहासिक इमारतें व भवन स्थित है।
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रोहिल्ला किला -( जिला जेल )
अंग्रेजों के शासनकाल से पहले यह महाराजा रोहिल्ला का किला हुआ करता था। रोहिल्ला किला का ऐतिहासिक महत्व है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे संरक्षक स्मारक घोषित किया हुआ है। इस समय इस किले में जिला जेल स्थित है।
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चर्च और सिमेट्री –
सेंट थॉमस कैथोलिक चर्च के निकट ओल्ड ब्रिटिश सीमेट्री 19वीं सदी की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत है। जिसमें ब्रिटिश कालीन अनेक ईसाइयों की कब्रे हैं। ब्रिटिश सिमेट्री का निर्माण अंग्रेजी सैन्य अधिकारी जेम्स पावेल ने 1854 में करवाया था। चर्च और सिमेट्री का निर्माण गोथिक शैली में किया गया है। यह शैली 12 वीं शताब्दी के मध्य फ्रांस में जन्मी थी। सिमेट्री में बनी कब्रों पर पत्थरों से तराशी गई अत्यंत कलात्मक विविध प्रकार की आकृतियां बनी हुई हैं। कब्रों पर संगमरमर से बने देवदूत, पुस्तक व अन्य शिल्प तथा कब्रों पर लगे क्रॉस व पत्थरों पर उकेरी गई फूल पत्तीदार अलंकारिक नक्काशी और विशेषतः स्वर्गिक व दिव्य मानवाकृतियों की भावपूर्ण भंगिमाओं को उकेरा गया है। इन आकृतियों का सौंदर्य और कला पक्ष दर्शनीय है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित सिमेट्री परिसर कला के नमूनों से भरा हुआ है।
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अंग्रेजी शासन काल की इमारतों में से एक सहारनपुर के नेहरू मार्केट के पास बना सरकारी अस्पताल की इमारत भी है। इस अस्पताल की पुरानी इमारत को देखते ही एकाएक अंग्रेजी शासनकाल की याद आ जाती है। यहां कई ऐसे पुराने भवन हैं जो अंग्रेजी शासन काल की याद दिला देते हैं। ये भवन आज भी सरकार के काम में इस्तेमाल होते हैं।